ममता बनर्जी ने कालीघाट में उच्च स्तरीय बैठक के बाद जिलों की बैठक शुरू की।
कोलकाता। मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से सांठगांठ का आरोप लगाते हुए कहा कि वे अल्पसंख्यकों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। इसपर अधीर ने पलटवार करते हुए कहा कि बंगाल में भाजपा को ममता ही लेकर आई थीं। सागरदिघी विधानसभा उपचुनाव में टीएमसी उम्मीदवार की हार के बाद सीएम ममता बनर्जी डैमेज कंट्रोल में जुट गई हैं। ममता बनर्जी ने कालीघाट में उच्च स्तरीय बैठक के बाद जिलों की बैठक शुरू की। पहली बैठक मुर्शिदाबाद के पार्टी नेताओं के साथ कीं। सागरदिघी में हार के बाद पंचायत चुनाव से पहले मुर्शिदाबाद से जिला नेतृत्व के साथ वर्चुअल बैठक कीं। रविवार को हुई उस बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यकों को टीएमसी के खिलाफ गुमराह किया जा रहा है। सागरदिघी में पैसों का खेल चल रहा है। ममता बनर्जी ने पार्टी नेताओं से बातचीत करते हुए कहा कि अधीर राष्ट्रीय स्वंय सेवक के लिए काम कर रहे हैं। वर्चुअल बैठक में ममता ने कहा कि 28 मार्च से जमीन का पट्टा वितरण का काम शुरू हो जाएगा। पूरे जिले में एक साजिश चल रही है। विशेष रूप से अल्पसंख्यकों को गलत समझा जा रहा है।
ममता ने रविवार को मुर्शिदाबाद जिले के पार्टी सांसद-विधायक समेत छह नेताओं से फोन पर बातचीत कर उन्हें सागरदिघी विधानसभा उपचुनाव में वाममोर्चा-कांग्रेस गठबंधन के हाथों मिली हार को भुलाकर एकजुट होकर पंचायत चुनाव की तैयारी करने का निर्देश दिया। उन्होंने सांसद अबू ताहेर व खलिलुर रहमान समेत अन्य को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी ने जो कार्यसूची तैयार की है, उसी के मुताबिक काम करना होगा। उन्होंने कहा कि मैदान में उतरकर बताना होगा कि राज्य सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए क्या-क्या काम किए हैं। इसके साथ ही उनकी शिकायतें भी सुननी होंगी और समस्याएं भी जाननी होंगी।
इसके बाद ममता ने अधीर पर निशाना साधते हुए कहा कि वे आरएसएस के इशारे पर काम कर रहे हैं। वे भाजपा के एक नंबर आदमी हैं। सागरदिघी में कांग्रेस ने जिसे प्रत्याशी बनाया, वह दरअसल भाजपा का आदमी है। वाममोर्चा ने उसका समर्थन किया। अल्पसंख्यकों को गुमराह किया गया। रुपये का खेल हुआ और अनैतिक गठबंधन किया गया। ममता ने आगे कहा कि भाजपा राहुल गांधी को मूख्य विरोधी के तौर पर दिखाने की कोशिश कर रही है क्योंकि इसमें उसे फायदा है। इसपर अधीर ने कहा कि 1998 में भाजपा के साथ गठबंधन करके उसे बंगाल में पहली बार लोकसभा सीट दिलाने में ममता ने ही मदद की थी और अब भाजपा विरोधी गठबंधन को कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं। अपने परिवार को बचाने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। अधीर चौधरी ने धमकी देते कहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी मुर्शिदाबाद पर कब्जा करने आई थी, हमने उसे खदेड़ दिया। भवानीपुर से मुर्शिदाबाद पर कब्जा करने दीदी आई थी। मैं मुर्शिदाबाद से तृणमूल को हटाउंगा। तृणमूल इस जिले में घुसपैठिया है। वहीं, भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यक वोट को अपनी संपत्ति मान लिया था इसलिए उसके हाथों से निकल जाने की वजह से विरोधी दलों पर निशाना साध रही हैं।
बता दें कि सागरदिघी विधानसभा उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार देबाशीष बनर्जी को वाम समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार बायरन बिस्वास ने लगभग 23,000 मतों से हराया था। वाम कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार की जीत सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व को दोबारा सोचने पर मजबूर कर रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ज्यादातर अल्पसंख्यक वोट बैंक अभी तक टीएमसी के खाते में जाती रही है, लेकिन इस हार से यह बहस शुरू हो गयी है कि आखिर मुस्लिम ममता बनर्जी से क्यों नाराज हैं। पार्टी के शीर्ष नेताओं के एक समूह को पहले ही अल्पसंख्यक बहुल इलाकों की समीक्षा का काम सौंपा गया है।